भारतीय संविधान के अनुच्छेद 106 के अनुसार संसद के किसी भी सदन के सदस्य वेतन और भत्ते पाने के हकदार हैं, जिनका निर्धारण समय-समय पर संसद द्वारा किया जाता है। संविधान के इस प्रावधान के तहत संसद सदस्य वेतन, भत्ता और पेंशन अधिनियम 1954 लागू किया गया, जो उनके वेतन और भत्तों को नियंत्रित करता है।
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