जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार
अनुच्छेद 21 कहता है कि किसी को भी कानूनी प्रक्रिया के अनुसार जीवन या स्वतंत्रता से वंचित नहीं किया जा सकता। पहले 25 वर्षों तक सुप्रीम कोर्ट ने इसका बहुत संकीर्ण अर्थ लगाया था, जिसके अनुसार यदि कानून की प्रक्रिया का पालन किया गया तो जीवन और स्वतंत्रता से वंचित किया जाना अवैध नहीं माना जाएगा।
This Question is Also Available in:
English