चार्टर एक्ट 1833: इसे सभी भारतीय कानूनों को संहिताबद्ध करने का प्रयास माना जाता है। बंगाल के गवर्नर जनरल को अब भारत का गवर्नर जनरल बना दिया गया। इस अधिनियम के तहत ईस्ट इंडिया कंपनी ने अपने व्यापारिक विशेषाधिकार खो दिए, जिसमें चाय और चीन में एकाधिकार शामिल था। इसके बाद यह केवल एक प्रशासनिक निकाय बन गई और सीधे ब्रिटिश क्राउन के अधीन आ गई।
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