बहमनी साम्राज्य में संगठित प्रशासनिक व्यवस्था थी, जिसमें इसे चार प्रांतों में बांटा गया था। प्रत्येक प्रांत का नेतृत्व tarafdar (सुबहदार) करता था, जो कानून व्यवस्था, कर वसूली और स्थानीय प्रशासन के लिए जिम्मेदार था। राजस्व संग्रह के लिए "इक्ता" प्रणाली अपनाई गई थी, जिसमें अधिकारियों को वेतन के रूप में भूमि आवंटित की जाती थी। राजधानी गुलबर्गा से बीदर स्थानांतरित हुई, जो फारसी कला और साहित्य का केंद्र बना। शासकों ने वास्तुकला में भी योगदान दिया, जिसमें गोल गुम्बज प्रमुख है।
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