"1948 का प्रथम अरब-इज़राइल युद्ध" 1947-49 के फिलिस्तीनी युद्ध का दूसरा और अंतिम चरण था। मध्य पूर्व क्षेत्र दुनिया के सबसे अधिक संघर्षग्रस्त हिस्सों में से एक रहा है। 1948 का अरब-इज़राइल युद्ध पहली बार तब हुआ जब 14 मई 1948 को इज़राइल ने अपनी स्वतंत्रता की घोषणा की। यह युद्ध कई अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय कारकों के कारण हुआ, जिनके आपसी प्रभाव ने इसे जटिल बना दिया। इस युद्ध में इज़राइल की जीत हुई, लेकिन इसका प्रभाव न केवल इस क्षेत्र की राजनीति पर पड़ा बल्कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर भी पड़ा, जो आज भी दिखता है। इस युद्ध के परिणामस्वरूप इज़राइल विजयी रहा, जॉर्डन को आंशिक सफलता मिली, फिलिस्तीनी अरब और मिस्र पराजित हुए, अरब लीग की रणनीति विफल रही और 1949 में युद्धविराम समझौते हुए। इज़राइल ने विभाजन योजना के तहत आवंटित क्षेत्र को अपने पास रखा और अरब राज्य को आवंटित क्षेत्र का लगभग 60% हिस्सा कब्जे में ले लिया। जॉर्डन ने वेस्ट बैंक पर शासन किया और मिस्र ने गाजा पट्टी पर कब्जा कर लिया।
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