पिथोरा एक पारंपरिक चित्रकला है जो राठवा, भील और भीलाला जनजातियों द्वारा घरों की दीवारों पर बनाई जाती है। मध्य प्रदेश का पिथोरा क्षेत्र इस कला का उद्गम स्थल माना जाता है। इस कला के विकास में भील जनजाति का योगदान उल्लेखनीय है। इसमें पारंपरिक रंगों का उपयोग किया जाता था। पहले इसे घरों की दीवारों पर बनाया जाता था, लेकिन अब यह कागज, कैनवास और कपड़ों पर भी बनाई जाने लगी है।
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