16वीं शताब्दी में प्रकाशित "On the Revolution of Heavenly Spheres" नामक पुस्तक में निकोलस कोपरनिकस ने बताया कि सभी खगोलीय पिंड सूर्य के चारों ओर निश्चित कक्षाओं में घूमते हैं। इस मॉडल को हेलियोसेंट्रिक सिद्धांत कहा जाता है, जिसमें 'हेलियो' का अर्थ सूर्य होता है।
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