Q. निम्नलिखित में से कौन सा मौलिक बल न्यूट्रॉन के प्रोटॉन, इलेक्ट्रॉन और एंटी-न्यूट्रिनो में परिवर्तन के लिए जिम्मेदार है? Answer:
दुर्बल नाभिकीय बल
Notes:
गुरुत्वाकर्षण बल बहुत कमजोर होता है और हमेशा आकर्षणकारी होता है। यह ब्रह्मांड में मौजूद किसी भी दो पिंडों के बीच कार्य करता है क्योंकि इसका स्रोत द्रव्यमान होता है।
दुर्बल बल रेडियोधर्मी क्षय और न्यूट्रिनो परस्पर क्रियाओं के लिए उत्तरदायी होता है। यह बीटा क्षय का कारण बनता है, जिसमें न्यूट्रॉन प्रोटॉन, इलेक्ट्रॉन और एंटी-न्यूट्रिनो में परिवर्तित हो जाता है।
विद्युत चुंबकीय बल विद्युत और चुंबकीय प्रभाव उत्पन्न करता है, जैसे समान आवेशों के बीच प्रतिकर्षण या बार चुंबकों के बीच परस्पर क्रिया। यह आकर्षणकारी या प्रतिकर्षणकारी हो सकता है और केवल उन पिंडों के बीच कार्य करता है जिनमें विद्युत आवेश होता है। बिजली, चुंबकत्व और प्रकाश इसी बल के कारण उत्पन्न होते हैं।
प्रबल नाभिकीय बल परमाणु नाभिक को एक साथ बांधने के लिए उत्तरदायी होता है। यह मूल रूप से आकर्षणकारी होता है लेकिन कुछ स्थितियों में प्रतिकर्षणकारी भी हो सकता है। यह बल ग्लूऑन नामक कणों द्वारा वहन किया जाता है। जब दो कण इस बल के माध्यम से परस्पर क्रिया करते हैं, तो वे ग्लूऑन का आदान-प्रदान करते हैं। इस प्रकार, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन के अंदर मौजूद क्वार्क प्रबल नाभिकीय बल के आदान-प्रदान से बंधे रहते हैं।