आसुत जल को जल का शुद्धतम रूप माना जाता है। आसवन प्रक्रिया में पानी को उबालकर उसकी भाप को संघनित कर फिर से तरल में बदला जाता है। इससे पानी में मौजूद सभी अशुद्धियां, आयन, खनिज और अन्य संदूषक हट जाते हैं। नल, भूमिगत और वर्षा का पानी प्राकृतिक स्रोत होने के बावजूद विभिन्न प्रकार की मिलावट और प्रदूषण के संपर्क में आ सकता है।
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