Q. निम्नलिखित में से कौन सा गांधार कला शैली की विशेषता नहीं है?
Answer: इससे हीनयान परंपरा की उत्पत्ति हुई
Notes: 1. इस कला शैली में गौतम बुद्ध की जीवन-आकार की मूर्तियां बनाई गईं। इससे पहले बौद्ध अस्तित्व को कमल, छत्र आदि प्रतीकों के रूप में दर्शाया जाता था।
2. मूर्तियों को तराशते समय शरीर की समरूपता, मांसपेशियों और मूंछों को प्राकृतिक रूप में दिखाने पर विशेष ध्यान दिया जाता था।
3. इस कला की कारीगरी में वस्त्रों की सिलवटों और मोड़ों को अत्यंत बारीकी और कुशलता से उकेरा जाता था।
4. मूर्तियों पर खुदे आभूषणों पर विशेष ध्यान दिया जाता था, जिससे उनकी सुंदरता और बढ़ जाती थी।
5. मूर्तियों को चमकाना इस कला की एक महत्वपूर्ण विशेषता थी।
6. इस कला के नमूने मुख्य रूप से पत्थर, टेराकोटा और मिट्टी में बनाए जाते थे।
7. मूर्तियां बनाने की तकनीक ग्रीक थी, लेकिन विचार, प्रेरणा और व्यक्तित्व पूरी तरह भारतीय थे।

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