जॉन मिल्डेनहॉल क्वीन एलिज़ाबेथ के राजदूत के रूप में 1599 से 1606 ईस्वी के बीच दो बार अकबर के दरबार में गया और गुजरात में व्यापार के लिए फ़रमान प्राप्त करने का प्रयास किया। वह एक ब्रिटिश अन्वेषक और साहसी था तथा भारत की भूमि मार्ग से यात्रा करने वाले शुरुआती लोगों में से एक था। उसने स्वयं को भारत में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी का राजदूत घोषित किया था। भारत में किसी अंग्रेज़ के पहले दर्ज दफ़न होने का श्रेय भी उसे ही जाता है।
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