गैसें अत्यधिक संपीडनीय होती हैं क्योंकि उनके अणु बहुत ढीले होते हैं और उनके बीच काफी अधिक स्थान होता है। संपीड़न करने पर ये अणु आपस में पास आ जाते हैं। ठोस और द्रव की तुलना में गैसों के अणुओं के बीच अधिक स्थान होने के कारण इन्हें अधिक संपीडित किया जा सकता है।
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