महात्मा गांधी ने थोरो के निबंध "सिविल डिसओबीडियंस" से वह विचार लिया, जो उनके कार्यक्रम का व्यापक रूप से वर्णन करता है। ये प्राचीन हिंदू ग्रंथ 1800 के दशक की शुरुआत में अंग्रेजी में अनुवादित हुए थे। थोरो स्वयं भारतीय वनवासी ऋषियों की रचनाओं से प्रभावित थे, जिन्होंने उपनिषद लिखे। उन्होंने हार्वर्ड कॉलेज पुस्तकालय में इन्हें पढ़ा और इन पर विचार किया। इस प्रकार बहिष्कार और अहिंसक विरोध की यह राजनीतिक तकनीक महासागरों को पार कर दक्षिण एशिया, दक्षिण अफ्रीका और अमेरिका के अलबामा में लोगों के हृदय को मजबूत करने और विचारों को प्रभावित करने का माध्यम बनी।
This Question is Also Available in:
English