मुगल सम्राट शाहजहाँ के सबसे बड़े पुत्र दारा शिकोह ने "हसनात उल-आरिफीन" लिखी थी, जिसका अर्थ है संतों के गुण। उनके अन्य प्रसिद्ध कार्यों में "सफीनत उल-औलिया", "सकीनत उल-औलिया", "रिसाला-ए-हक़ नुमा" और "इक्सीर-ए-आज़म" (दीवान-ए-दारा शिकोह) शामिल हैं।
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