मुगल सम्राट बाबर ने अपनी आत्मकथा "बाबरनामा" चगताई तुर्की में जून 1494 ईस्वी से लिखनी शुरू की थी। सम्राट जहांगीर ने फारसी में "तुझुक-ए-जहांगीरी" लिखी। "बाबरनामा" में बाबर के जीवन और विचारों का विवरण है, जबकि "तुझुक-ए-जहांगीरी" में जहांगीर के शासन और प्रशासन की झलक मिलती है। ये दोनों ग्रंथ इन सम्राटों के जीवन और शासन को समझने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
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