सही उत्तर "केवल 1 सही है।"
व्याख्या:
1. मार्केट स्टेबिलाइज़ेशन स्कीम (MSS) सरकार को ट्रेजरी बिल और दिनांकित प्रतिभूतियां जारी करने की अनुमति देती है, जिससे तरलता प्रबंधन किया जाता है, लेकिन यह सामान्य सीमा से परे कोई अलग उधार कार्यक्रम नहीं होता।
2. एमएसएस के तहत जुटाई गई राशि को समेकित कोष (कंसॉलिडेटेड फंड ऑफ इंडिया) का हिस्सा नहीं बनाया जाता, बल्कि इसे एक अलग खाते में रखा जाता है।
3. यद्यपि भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) सरकारी खातों का ऑडिट करते हैं, एमएसएस फंड का विशेष रूप से CAG द्वारा ऑडिट नहीं किया जाता।
रोचक तथ्य: एमएसएस को 2004 में भारतीय रिज़र्व बैंक को अर्थव्यवस्था में अधिशेष तरलता प्रबंधन में सहायता देने के लिए शुरू किया गया था, विशेष रूप से उच्च पूंजी प्रवाह के समय।
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