Q. निम्नलिखित कथनों के आधार पर व्यक्तित्व की पहचान करें:
ऐसा माना जाता है कि वे भक्ति संत-कवि कबीर के शिष्य थे।
उन्होंने 'बेगमपुरा' की कल्पना की, जो एक ऐसा नगर है जहां कोई दुख नहीं होता।
उन्होंने ईश्वर की सर्वव्यापकता का उपदेश दिया।
नीचे दिए गए कूटों का उपयोग करके सही उत्तर चुनें: Answer:
गुरु रविदास
Notes:
गुरु रविदास भक्ति आंदोलन के उत्तर भारतीय रहस्यवादी कवि थे। सिखों के आदि ग्रंथ और पंचवाणी उनके साहित्यिक कार्यों के दो प्राचीनतम प्रलेखित स्रोत हैं।
ऐसा माना जाता है कि वे भक्ति संत-कवि रामानंद के शिष्य और संत-कवि कबीर के समकालीन थे। उनकी प्रसिद्ध शिष्या संत मीराबाई थीं। उनके नैतिक और बौद्धिक योगदानों में 'बेगमपुरा' की अवधारणा शामिल है, जो एक ऐसा नगर है जहां दुख नहीं होता और जाति तथा वर्ग का कोई भेदभाव नहीं होता।
उनकी शिक्षाएं लोगों को इतनी प्रभावित कर गईं कि उनके विचारों पर आधारित 'रविदासिया धर्म' अस्तित्व में आया। उन्होंने ईश्वर की सर्वव्यापकता का उपदेश दिया और कहा कि मानव आत्मा ईश्वर का अंश है। इसलिए उन्होंने इस धारणा को अस्वीकार किया कि निम्न जाति के लोग ईश्वर से नहीं मिल सकते। उन्होंने यह भी कहा कि ईश्वर से मिलने का एकमात्र तरीका मन को द्वंद्व से मुक्त करना है।