सविनय अवज्ञा आंदोलन
नमक सत्याग्रह, जिसे दांडी मार्च के नाम से भी जाना जाता है, 12 मार्च 1930 को शुरू हुआ। यह 1920-22 के असहयोग आंदोलन और 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के बाद ब्रिटिश शासन के खिलाफ अगला बड़ा अहिंसक विरोध था। यह ब्रिटिश शासन के नमक एकाधिकार के खिलाफ कर विरोध और अहिंसक प्रतिरोध का सीधा अभियान था, जिसने व्यापक सविनय अवज्ञा आंदोलन को जन्म दिया। यह 1920-22 के असहयोग आंदोलन के बाद ब्रिटिश सत्ता के खिलाफ सबसे संगठित चुनौती थी और 26 जनवरी 1930 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा पूर्ण स्वराज की घोषणा के तुरंत बाद शुरू हुई।
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