Q. 'दीघनिकाय', 'मज्ज्झिम-निकाय', 'संयुत्त-निकाय' आदि निम्नलिखित में से किस बौद्ध ग्रंथ का हिस्सा हैं? Answer:
सुत्त पिटक
Notes:
सुत्त पिटक (300 ईसा पूर्व) में पांच निकाय या संग्रह शामिल हैं, जिनमें उपदेश, सिद्धांत और सामान्य लोगों के लिए प्रवचन होते हैं।
दीघनिकाय में लंबे प्रवचन हैं, जो ब्रह्मांड की उत्पत्ति, पुनर्जन्म, संन्यास, चमत्कार, निर्वाण, विधर्म, जाति प्रथा की निंदा, बुद्ध के अंतिम उपदेश, उनके निधन और अंतिम संस्कार से जुड़े विषयों पर आधारित हैं।
मज्ज्झिम-निकाय में बुद्ध और जैन तथा अन्य धार्मिक परंपराओं के संबंध, विभिन्न प्रकार के संन्यास और अपराधों जैसे चोरी, डकैती, व्यभिचार तथा उनके दंड का विस्तृत वर्णन किया गया है।
संयुत्त-निकाय में बौद्ध सिद्धांतों की चर्चा है, जिसमें पहेलियाँ, सूक्तियाँ, मिश्रित गद्य और पद्य में रचित काव्य तथा बुद्ध के कई उपदेश शामिल हैं।
अंगुत्तर-निकाय (या एकोत्तर-निकाय) एक ऐसा प्रवचन संग्रह है, जो बढ़ते क्रम में संख्यात्मक रूप से व्यवस्थित है और सिद्धांतों व शिक्षाओं को सूचीबद्ध करता है।
खुद्दक-निकाय छोटे ग्रंथों का संकलन है, जिसमें पंद्रह विविध ग्रंथ शामिल हैं, जो बौद्ध धर्म की समझ के लिए आवश्यक माने जाते हैं।