विकास वित्त संस्थानों (DFIs) और बैंकों की भूमिका और संचालन में समन्वय स्थापित करना
RBI द्वारा 1997 में गठित खान कार्य समूह का उद्देश्य वित्तीय क्षेत्र में सुधार करना था, खासकर विकास वित्त संस्थानों (DFIs) और बैंकों की भूमिकाओं को समन्वित करना। DFIs आमतौर पर दीर्घकालिक वित्तपोषण पर केंद्रित थे, जबकि बैंक मुख्य रूप से अल्पकालिक ऋण प्रदान करते थे। समूह की सिफारिशों का उद्देश्य वित्तीय प्रणाली की दक्षता बढ़ाना और संसाधनों का बेहतर आवंटन सुनिश्चित करना था, जिससे आर्थिक विकास को बल मिले। अधिकतम अनुमेय बैंक वित्त (MPBF) की अवधारणा की भी समीक्षा की गई, लेकिन प्राथमिक ध्यान DFIs और बैंकों के एकीकरण पर था।
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