इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (IGNCA) और सत्यार्थी मूवमेंट फॉर ग्लोबल कंपैशन ने 'दियासलाई' पर चर्चा आयोजित की थी। यह नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी की आत्मकथा है, जिसमें विदिशा से लेकर बाल अधिकारों के लिए उनके संघर्ष तक की यात्रा का वर्णन है। 1954 में मध्य प्रदेश में जन्मे कैलाश सत्यार्थी ने 140 देशों में बाल दासता और शोषण के खिलाफ वैश्विक अभियान का नेतृत्व किया। उनकी संस्था ने 1,38,000 से अधिक बच्चों को बाल श्रम और तस्करी से मुक्त कराया है। उन्होंने यह भी बताया कि करुणा ही वैश्विक समस्याओं का समाधान है।
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