भारत के प्रधानमंत्री ने झुमैर बिनंदिनी 2025 में भाग लिया, जो 8000 कलाकारों वाला एक भव्य सांस्कृतिक आयोजन था। झुमैर, जिसे झुमुर भी कहा जाता है, असम की आदिवासी चाय जनजातियों का पारंपरिक लोक नृत्य है, जो फसल कटाई के समय किया जाता है। इसमें मादल, ढोल, ताल और बांसुरी जैसे वाद्ययंत्रों की संगत होती है। नर्तक गोलाकार समूह में तालबद्ध कदमों और लयबद्ध गतियों के साथ प्रस्तुति देते हैं। महिलाएं रंगीन साड़ियां पहनती हैं, जबकि पुरुष धोती और कुर्ता पहनते हैं। यह नृत्य एकता, समावेशिता और असम की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है, जो सामाजिक जुड़ाव और सामुदायिक उत्सव को बढ़ावा देता है।
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