नाम के बावजूद, जर्मन सिल्वर में असली चांदी नहीं होती। इसे 18वीं सदी की शुरुआत में चांदी के सस्ते विकल्प के रूप में विकसित किया गया था। इसे निकेल सिल्वर भी कहा जाता है और यह मुख्य रूप से तांबा, जिंक और निकेल से बना होता है। इसमें तांबे की मात्रा 50% से 61.6%, जिंक 17.2% से 19% और निकेल 21.1% से 30% तक होती है। कभी-कभी इसमें टिन और सीसे के अंश भी पाए जाते हैं। इसकी कठोरता, मजबूती और जंग प्रतिरोधी गुणों के कारण यह टेबलवेयर, समुद्री फिटिंग और हीटिंग कॉइल में लोकप्रिय है। इसकी उच्च विद्युत प्रतिरोधकता इसे हीटिंग तत्वों में उपयोगी बनाती है।
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