गोंड कला की परंपरा मध्य प्रदेश की गोंडी जनजाति से जुड़ी है, जो भारत की सबसे बड़ी जनजातीय समुदायों में से एक है। यह कला प्रकृति से प्रेरित होती है और मनुष्य व अन्य जीवों के आपसी संबंध को दर्शाती है। इस शैली में रेखाओं और बिंदुओं का विशेष उपयोग किया जाता है। प्रत्येक चित्र एक कहानी बयां करता है, जिसे लाल, नीले, पीले और सफेद जैसे चमकीले रंगों में बनाया जाता है। ये रंग प्राकृतिक तत्वों जैसे गोबर, केले के पेड़, फूलों और कालिख से तैयार किए जाते हैं।
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