गदर पार्टी की स्थापना 1913 में सोहन सिंह भकना ने सैन फ्रांसिस्को में की थी। इसके नेतृत्व में लाला हरदयाल, पीएस कंखोजे जैसे नेता शामिल थे। इसका मुख्य उद्देश्य भारत में ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ाई के लिए हथियार और गोला-बारूद भेजना था। गदर विद्रोह या गदर षड्यंत्र, जिसे हिंदू-जर्मन विद्रोह या भारतीय-जर्मन विद्रोह भी कहा जाता है, 1915 से 1917 के बीच ब्रिटिश-भारतीय सेना में विद्रोह भड़काने के लिए था। इसका उद्देश्य भारत और विदेशों में तैनात भारतीय सैनिकों के माध्यम से ब्रिटिश शासन को समाप्त करना था। इसका नाम अमेरिका की गदर पार्टी से लिया गया था। इसके प्रमुख सदस्यों में भाई परमानंद, सोहन सिंह भकना, भगवान सिंह ज्ञानी, हरदयाल, तारक नाथ दास, भगत सिंह थिंड, करतार सिंह सराभा, अब्दुल हफीज मोहम्मद बरकतुल्लाह, रासबिहारी बोस और गुलाब कौर शामिल थे। इसे 1948 में औपचारिक रूप से भंग कर दिया गया।
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