गोरखपुर सितंबर 2025 तक भारत का पहला एकीकृत अपशिष्ट प्रबंधन शहर-सह-शिक्षण केंद्र स्थापित करेगा। सुथनी गांव में 40 एकड़ का यह प्रोजेक्ट शहर को कचरा मुक्त बनाने और परिपत्र अर्थव्यवस्था मॉडल के माध्यम से सतत अपशिष्ट प्रबंधन को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखता है। केंद्र विभिन्न प्रकार के कचरे को संसाधित करेगा और चारकोल एवं बायो-सीएनजी पैदा करेगा। पहल रोजगार सृजन, राजस्व वृद्धि और तकनीकी विशेषज्ञता के लिए एक शिक्षण केंद्र के रूप में कार्य करेगी। इसे विशाखापत्तनम और दिल्ली में प्रस्तुत किया गया है और इसे दिसंबर 2024 में राष्ट्रीय मुख्य सचिव सम्मेलन में प्रदर्शित किया जाएगा।
This Question is Also Available in:
Englishमराठीಕನ್ನಡ