त्रिपुरा में ट्विप्रा स्टूडेंट फेडरेशन (TSF) ने कोकबोरोक भाषा के लिए रोमन लिपि की मांग करते हुए अगरतला में विरोध प्रदर्शन किया। कोकबोरोक बोरोक लोगों की भाषा है जिसे 19 जनवरी 1979 को त्रिपुरा में आधिकारिक मान्यता मिली। यह एक साइनो-तिब्बती भाषा है जिसकी जड़ें पहली सदी ईस्वी में मिलती हैं। राज रत्नाकर में त्रिपुरी राजाओं के ऐतिहासिक दस्तावेज कोकबोरोक में लिखे गए थे। "कोकबोरोक" शब्द कोक (मौखिक) और बोरोक (लोग) का मेल है। 2011 की जनगणना के अनुसार त्रिपुरा में 8,80,537 लोग कोकबोरोक बोलते हैं जो राज्य की जनसंख्या का 23.97% है।
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