औरंगज़ेब के शासनकाल में जाफर ज़टाली जैसे कई व्यंग्यकारों ने अपने कुल्लियात लिखे। जाफर ज़टाली ने अपने साहित्यिक लेखन को संकलित कर औरंगज़ेब के शासन के अंतिम चरण यानी सत्रहवीं शताब्दी के अंतिम तिमाही में "ज़टलनामा" तैयार किया। संभव है कि इस विधा को स्वयं कवि या बाद के कुछ कवियों और लेखकों ने संपादित और अद्यतन किया हो। हालांकि रचना के कुछ हिस्से गलत रूप से अन्य कवियों से जोड़े गए हैं, लेकिन इसमें शामिल विषय, भाषा और शैली उर्दू पाठकों के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है।
This Question is Also Available in:
English