भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) बेंगलुरु
भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) ने स्थानीय जलवायु परिस्थितियों का उपयोग करके रसेल वाइपर के विष के गुणों का पूर्वानुमान लगाने के लिए "विष मानचित्र" विकसित किए हैं। भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी), बेंगलुरु की एक टीम ने बताया कि ये मानचित्र चिकित्सकों को सर्पदंश के मरीजों के लिए सबसे अच्छा उपचार चुनने में मदद कर सकते हैं। ये निष्कर्ष PLOS नेग्लेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीजेज जर्नल में प्रकाशित हुए। शोधकर्ताओं ने विष संरचना में जलवायु, तापमान, आर्द्रता और वर्षा की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने 34 स्थानों पर 115 सांपों के विष के नमूनों का विश्लेषण किया और स्थानीय जलवायु परिस्थितियों के साथ विष के गुणों को जोड़ा। ये मानचित्र विष के प्रकारों की भविष्यवाणी करने और सर्पदंश के लिए लक्षित उपचार विकसित करने में सहायक हो सकते हैं।
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