डॉ. होमी जहांगीर भाभा
जब कार्ल डेविड एंडरसन ने एक नया कण खोजा जिसकी द्रव्यमान इलेक्ट्रॉन और प्रोटॉन के बीच था तो उन्होंने 1933 में फिजिकल रिव्यू में इसे 'मेसोटोन' नाम दिया। हालांकि प्रोफेसर आर. ए. मिलिकन की सलाह पर उन्होंने नाम बदलकर 'मेसोट्रॉन' कर दिया, लेकिन एंडरसन इससे सहमत नहीं थे। इसके बाद फरवरी 1939 में होमी जहांगीर भाभा ने नेचर जर्नल में एक संक्षिप्त शोध पत्र भेजा जिसमें उन्होंने 'मेसॉन' नाम का प्रस्ताव दिया। भाभा द्वारा दिया गया यह नाम आज भी प्रचलित है और प्राथमिक कणों के एक वर्ग के लिए उपयोग किया जाता है।
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