जीवाश्म आमतौर पर अवसादी चट्टानों में बनते हैं। जब कोई जीव मरकर अवसाद में दब जाता है, तो समय के साथ ये अवसाद कठोर होकर अवसादी चट्टान बन जाते हैं और जीवाश्म के रूप में संरक्षित रहते हैं। इस प्रक्रिया को जीवाश्मीकरण कहते हैं। आग्नेय और रूपांतरित चट्टानें गर्मी या दबाव से बनती हैं, जिससे जीवाश्म नष्ट होने की संभावना अधिक होती है।
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