लकड़ी का वाद्ययंत्र
काठिया लकड़ी से बना ठोस वाद्ययंत्र है, जिसका उपयोग ओडिशा के प्रसिद्ध नाट्य रूप 'दासकाठिया' में किया जाता है। इस लोक कला की उत्पत्ति ओडिशा के गंजाम जिले से मानी जाती है।
'दासकाठिया' नाम 'दास' और 'काठिया' शब्दों से बना है, जहां ओडिया में 'दास' का अर्थ भक्त और 'काठिया' का अर्थ लकड़ी की छड़ी होता है। इसमें वेदों और अन्य पौराणिक ग्रंथों की धार्मिक कथाएँ प्रस्तुत की जाती हैं। यहां प्रयुक्त कविताएँ दासकाठिया परंपरा के समकालीन कवियों द्वारा रचित होती हैं और दो लोगों का समूह इन्हें दर्शकों के सामने गाता है। इनमें से एक मुख्य गायक 'गायक' कहलाता है और दूसरा उसका सहायक होता है, जिसे 'पलिया' कहा जाता है।
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