Q. औपनिवेशिक काल में भारत में वन प्रबंधन के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
  1. डाइट्रिच ब्रांडिस भारत में वन विभाग के पहले महानिरीक्षक थे।
  2. औपनिवेशिक काल के दौरान भारत में 'वैज्ञानिक वानिकी' की अवधारणा लागू की गई थी।
उपरोक्त में से कौन सा / से सही है / हैं?

Answer: दोनों 1 और 2
Notes: ब्रिटिश सरकार को जहाज और रेलवे के निर्माण के लिए वनों की आवश्यकता थी। उन्हें चिंता थी कि स्थानीय लोगों द्वारा वनों का उपयोग और व्यापारियों द्वारा अंधाधुंध कटाई वनों को नष्ट कर सकती है। इसलिए उन्होंने जर्मन विशेषज्ञ डाइट्रिच ब्रांडिस को आमंत्रित किया और उन्हें भारत में वन विभाग का पहला महानिरीक्षक नियुक्त किया। अतः कथन 1 सही है। डाइट्रिच ब्रांडिस ने 1864 में भारतीय वन सेवा की स्थापना की और 1865 के भारतीय वन अधिनियम के निर्माण में योगदान दिया। 1906 में देहरादून में इंपीरियल फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट की स्थापना की गई। यहां जिस प्रणाली की शिक्षा दी जाती थी, उसे 'वैज्ञानिक वानिकी' कहा जाता था। इस प्रणाली में प्राकृतिक वनों, जिनमें विभिन्न प्रकार के वृक्ष होते थे, को काटकर उनकी जगह एक ही प्रकार के वृक्षों को सीधी कतारों में लगाया जाता था। वन अधिकारी वनों का सर्वेक्षण कर विभिन्न प्रकार के वृक्षों के अंतर्गत क्षेत्र का अनुमान लगाते और वन प्रबंधन के लिए कार्य योजनाएं बनाते थे। वे हर वर्ष कितने क्षेत्र में वृक्षों की कटाई होगी, इसकी योजना बनाते और कटे हुए क्षेत्र में पुनः वृक्षारोपण किया जाता ताकि कुछ वर्षों बाद फिर से कटाई की जा सके। अतः कथन 2 भी सही है।

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