खाखरा देउला एक अलग शैली की वास्तुकला है, जो द्रविड़ीय गोपुरम डिजाइन से मिलती-जुलती है। यह शब्द "खाखरू" (कद्दू, लौकी) से लिया गया है, क्योंकि इसका शीर्ष भाग बैरल के आकार की लम्बी छत जैसा दिखता है। यह एक आयताकार भवन होता है, जिसकी छत कटी हुई पिरामिड जैसी होती है, जो गोपुरम के समान होती है। शक्ति जैसी स्त्री देवी से जुड़े मंदिर इसी प्रकार के होते हैं। भुवनेश्वर का बैताल देउला, जो चामुंडा देवी को समर्पित है, इसका एक उदाहरण है। शक्ति मंदिर आमतौर पर खाखरा शैली के होते हैं। पुरी के चौरासी में स्थित ब्राह्मी मंदिर और भुवनेश्वर का गौरी मंदिर भी खाखरा मंदिर के प्रमुख उदाहरण हैं।
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