"राजावलिपटक" के लेखन का श्रेय पंडित प्रजाभट्ट को जाता है। यह ग्रंथ एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक विवरण है जो अपने समय की सांस्कृतिक, सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक पहलुओं पर मूल्यवान जानकारी प्रदान करता है। प्राचीन और मध्यकालीन भारत के विद्वान विद्वानों ने ऐतिहासिक ज्ञान के संरक्षण और प्रसार में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जो ऐतिहासिक अनुसंधान और समझ में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करता है।
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