भारतीय संविधान के अनुच्छेद 342 के अनुसार, राष्ट्रपति किसी राज्य या केंद्रशासित प्रदेश के संदर्भ में वहां के राज्यपाल से परामर्श के बाद यह निर्धारित कर सकते हैं कि कौन-सी जनजातियां या जनजातीय समुदाय, उनके भाग या उपसमूह उस राज्य या केंद्रशासित प्रदेश में अनुसूचित जनजाति माने जाएंगे। इसी अनुच्छेद में यह भी प्रावधान है कि संसद कानून बनाकर अनुसूचित जनजातियों की सूची में किसी जनजाति या जनजातीय समुदाय, उनके भाग या उपसमूह को शामिल या बाहर कर सकती है।
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