शिवाजी के साम्राज्य को राजस्व संग्रह के लिए 16 भागों में विभाजित किया गया था। प्रत्येक भाग को आगे तर्फ में और तर्फ को छोटे भागों में विभाजित कर मौजा बनाया गया। प्रांत का राजस्व अधिकारी सूबेदार कहलाता था, जबकि तर्फ का अधिकारी कारकुन कहलाता था। इस प्रकार शिवाजी के शासन में मौजा या गाँव प्रशासन की सबसे छोटी इकाई थी। ग्रामीण क्षेत्र में पुलिस अधिकारी को फौजदार और शहरी क्षेत्र में कोतवाल कहा जाता था। मराठा साम्राज्य को स्वराज्य या मुल्क-ए-कदीम के नाम से भी जाना जाता था।
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