नॉर्थ अटलांटिक संधि, जिसे वाशिंगटन संधि भी कहा जाता है, 4 अप्रैल 1949 को वाशिंगटन, डी.सी. के डिपार्टमेंटल ऑडिटोरियम में 12 देशों द्वारा हस्ताक्षरित की गई थी। इस संधि पर हस्ताक्षर करने वाले देश थे: बेल्जियम, कनाडा, डेनमार्क, फ्रांस, आइसलैंड, इटली, लक्ज़मबर्ग, नीदरलैंड, नॉर्वे, पुर्तगाल, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका। इस संधि ने नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गनाइज़ेशन (NATO) की स्थापना की, जो इन 12 देशों के बीच एक पारस्परिक रक्षा समझौता था। NATO का उद्देश्य सोवियत संघ को पश्चिमी यूरोप पर आक्रमण करने से रोकना था। इस संधि के तहत प्रत्येक सदस्य राष्ट्र को सामूहिक रक्षा की जिम्मेदारियों, जोखिमों और लाभों को साझा करने के लिए प्रतिबद्ध किया गया। आज NATO यूरोप और उत्तर अमेरिका के 31 देशों का गठबंधन है। इसका मुख्य उद्देश्य अपने सदस्य देशों की स्वतंत्रता और सुरक्षा की रक्षा करना है, जिसे राजनीतिक और सैन्य माध्यमों से सुनिश्चित किया जाता है।
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