Q. केसरीसिंह बारहठ ने चेतावनी रा चूंगट्या के 13 सोरठों के माध्यम से 1 जनवरी, 1903 को आयोजित लॉर्ड कर्जन के दरबार में जाने से किसे रोका था?
Answer: फतेहसिंह
Notes: केसरीसिंह बारहठ ने चेतावनी रा चूंगट्या के 13 सोरठों के माध्यम से 1 जनवरी, 1903 को आयोजित लॉर्ड कर्जन के दरबार में जाने से मेवाड़ के महाराणा फतेहसिंह को रोका था| चेतावनी रा चूंगट्या राजस्थान के इतिहास से सम्बंधित एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक कृति है। राजस्थान के प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी ठाकुर केसरीसिंह बारहट ने इसकी रचना की थी। इस कृति की रचना सोरठों में की गई थी। सन 1903 ई. में अंग्रेज़ वायसराय लॉर्ड कर्ज़न द्वारा दिल्ली में इतिहास प्रसिद्ध दिल्ली दरबार आयोजित किया गया था। इस दरबार में मेवाड़ के महाराणा फ़तेह सिंह को सम्मिलित होने से रोकने के लिए प्रसिद्ध क्रांतिकारी बारहट केसरीसिंह ने उन्हें सम्बोधित कर चेतावनी रा चूंगट्या नामक कुछ उद्बोधक सोरठे लिखे थे|