देश में लिंग असंतुलन और घटते बाल लिंग अनुपात को दूर करने के लिए 22 जनवरी, 2015 को ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (बीबीबीपी) योजना शुरू की गई थी। इस योजना के लक्ष्यों और उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए ओडिशा सरकार द्वारा विभिन्न पहलों को लागू किया गया है। इसके तहत ओडिशा सरकार की प्रमुख योजनाएं "निर्भया कढ़ी" (निडर कली), गंजम में "मो गेल्हा जिया" (मेरी प्यारी बेटी), ढेंकनाल, क्योंझर में "स्वर्ण कालिका" और देवगढ़ जिले में "वीरांगना योजना" हैं। ये योजनाएं किशोरियों के लिए शुरू की गई हैं ताकि वे बाल विवाह को नकारें, लिंग चयन और कन्या भ्रूण हत्या से लड़ें, उच्च शिक्षा के साथ अपनी पढ़ाई जारी रखें और मार्शल आर्ट और आत्मरक्षा तकनीकों के माध्यम से आत्म-सम्मान और आत्मविश्वास को बढ़ावा दें। गंजाम में "निर्भया कढ़ी" ने 183,933 किशोरियों को शामिल किया जिससे यह जिला 2022 में बाल विवाह मुक्त घोषित हुआ। ढेंकानाल में "कल्पना अभियान" ने 2019-2024 के बीच 343 बाल विवाहों को ट्रैक और रोका। क्योंझर में "स्वर्ण कलिका" ने जागरूकता अभियानों के माध्यम से बाल विवाह को 50% तक कम किया। देवगढ़ में "वीरांगना" ने 6,000 लड़कियों को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया और SKOCH अवार्ड जीता।
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