मैरी कॉम एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला मुक्केबाज़ हैं। वह एक भारतीय शौकिया मुक्केबाज़ हैं। वह छह बार वर्ल्ड एमेच्योर बॉक्सिंग चैंपियन बनने वाली एकमात्र महिला हैं। वह पहली सात वर्ल्ड चैंपियनशिप में हर बार पदक जीतने वाली अकेली महिला मुक्केबाज़ हैं और कुल आठ वर्ल्ड चैंपियनशिप पदक जीतने वाली एकमात्र मुक्केबाज़ (पुरुष या महिला) भी हैं। उन्हें "मैग्निफिसेंट मैरी" के नाम से जाना जाता है। वह 2012 के समर ओलंपिक्स में क्वालिफाई करने वाली एकमात्र भारतीय महिला मुक्केबाज़ हैं, जहां उन्होंने फ्लाइवेट (51 किग्रा) वर्ग में कांस्य पदक जीता था। 2014 में इंचियोन, दक्षिण कोरिया में हुए एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला मुक्केबाज़ बनीं और 2018 के कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला मुक्केबाज़ भी हैं। वह छह बार एशियन एमेच्योर बॉक्सिंग चैंपियन बनने वाली इकलौती मुक्केबाज़ हैं।
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