अढ़ाई दिन का झोपड़ा, जो 1153 ईस्वी में एक संस्कृत विद्यालय था, 1193 में कुतुबुद्दीन ऐबक ने इसे अजमेर, राजस्थान में मस्जिद में बदल दिया। यह हिंदू और इस्लामी वास्तुकला का मिश्रण है, जो अपनी सुंदर अरबी-नगरी लिपि की शिलालेखों, उत्कृष्ट सुलेख और मेहराबदार स्क्रीन के लिए प्रसिद्ध है। इसके नाम की उत्पत्ति पास के अढ़ाई दिन के मेले से मानी जाती है। यह संरचना विभिन्न ऐतिहासिक प्रभावों को दर्शाती है।
This Question is Also Available in:
English