राइजिंग नॉर्थईस्ट इन्वेस्टर्स समिट 2025: नॉर्थईस्ट भारत अब ‘फ्रंटियर’ नहीं, ‘फ्रन्ट रनर’ बनता क्षेत्र

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को ‘राइजिंग नॉर्थईस्ट इन्वेस्टर्स समिट 2025’ के उद्घाटन समारोह में घोषणा की कि देश को जल्द ही पहला ‘मेड इन इंडिया’ सेमीकंडक्टर चिप मिलने वाला है, जो नॉर्थईस्ट भारत में स्थित सेमीकंडक्टर प्लांट में तैयार किया गया है। यह भारत के तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।
असम में 27,000 करोड़ की सेमीकंडक्टर इकाई
पिछले वर्ष अगस्त में टाटा समूह ने असम में 27,000 करोड़ रुपये की लागत से एक सेमीकंडक्टर निर्माण इकाई की स्थापना शुरू की थी। अब यह प्लांट न केवल चिप निर्माण में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अग्रसर है, बल्कि नॉर्थईस्ट को उच्च तकनीक के क्षेत्र में भी एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित कर रहा है।
ऊर्जा और सौर निवेश का हब बनता नॉर्थईस्ट
प्रधानमंत्री ने बताया कि सरकार हाइड्रो और सौर ऊर्जा के क्षेत्रों में भी हर राज्य में भारी निवेश कर रही है। उन्होंने कहा, “हम जितना भविष्य में निवेश करेंगे, उतनी ही कम हमारी अन्य देशों पर निर्भरता होगी।” उन्होंने सोलर मॉड्यूल, सेल, स्टोरेज और रिसर्च में बड़े निवेश की आवश्यकता जताई।
आधारभूत संरचना में क्रांति
मोदी ने कहा कि मजबूत सड़कें, बिजली और लॉजिस्टिक्स नेटवर्क किसी भी उद्योग की रीढ़ होते हैं। पिछले एक दशक में नॉर्थईस्ट में 11,000 किमी नई सड़कों का निर्माण किया गया है, साथ ही रेल संपर्क में भी उल्लेखनीय सुधार हुआ है। इस बुनियादी ढांचे ने नॉर्थईस्ट को ‘संभावनाओं की भूमि’ में परिवर्तित कर दिया है।
ASEAN के साथ व्यापार का प्रवेश द्वार बनेगा नॉर्थईस्ट
प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्तमान में भारत और ASEAN देशों के बीच व्यापार $1.25 बिलियन है, जो आने वाले वर्षों में $200 बिलियन को पार कर जाएगा। नॉर्थईस्ट इस व्यापार का मजबूत पुल और ‘ट्रेड गेटवे’ बनेगा।
उद्योगपतियों की बड़ी घोषणाएँ
इस अवसर पर अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी ने अगले 10 वर्षों में नॉर्थईस्ट में ₹50,000 करोड़ के अतिरिक्त निवेश की घोषणा की। तीन महीने पहले उन्होंने असम में भी ₹50,000 करोड़ निवेश का संकल्प लिया था।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने बताया कि उनके समूह ने पिछले 40 वर्षों में नॉर्थईस्ट में ₹30,000 करोड़ निवेश किया है और अगले पांच वर्षों में इस निवेश को ₹75,000 करोड़ तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने यह भी कहा कि रिलायंस रिटेल स्थानीय किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए क्षेत्रीय फलों, सब्ज़ियों और अनाज की ख़रीद बढ़ाएगा।