राष्ट्रीय राजमार्गों की परिसंपत्तियों के मुद्रीकरण की रणनीति: NHAI की नई पहल

देश में बुनियादी ढांचा विकास को गति देने और सार्वजनिक-निजी भागीदारी को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने पहली बार ‘सड़क क्षेत्र के लिए परिसंपत्ति मुद्रीकरण रणनीति’ जारी की है। इस रणनीति का उद्देश्य ऑपरेशनल राष्ट्रीय राजमार्ग परिसंपत्तियों से पूंजी जुटाना और वित्तीय स्थिरता को बढ़ावा देना है, जिससे दीर्घकालिक बुनियादी ढांचा विकास संभव हो सके।

रणनीति के तीन प्रमुख स्तंभ

NHAI की परिसंपत्ति मुद्रीकरण रणनीति तीन मुख्य स्तंभों पर आधारित है:

  1. सरकारी सड़क परिसंपत्तियों का मूल्य अधिकतम करना
  2. प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और निवेशकों के लिए जानकारी का प्रसार
  3. बाजार विकास को बढ़ावा देना और हितधारकों की भागीदारी

इन स्तंभों के माध्यम से एक संरचित और पारदर्शी ढांचा तैयार किया गया है, जो निवेशकों को आकर्षित कर सके और निजी भागीदारी को सुगम बनाए।

वैकल्पिक वित्तीय साधनों का उपयोग

इस रणनीति में तीन प्रमुख वित्तीय मॉडलों का उपयोग किया गया है:

  • टोल-ऑपरेट-ट्रांसफर (ToT): जिसमें मौजूदा राजमार्गों को निजी ऑपरेटरों को संचालन और रखरखाव हेतु सौंपा जाता है।
  • इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (InvITs): जिससे संस्थागत निवेशकों को निवेश का अवसर मिलता है।
  • सिक्योरिटाइजेशन मॉडल: जो परिसंपत्ति-आधारित प्रतिभूतियों के जरिए पूंजी जुटाने की सुविधा देता है।

इन मॉडलों के जरिए अब तक NHAI ने 6,100 किलोमीटर से अधिक राजमार्गों पर ₹1.4 लाख करोड़ से अधिक की पूंजी जुटाई है।

रणनीति के महत्व और भविष्य की दिशा

NHAI के अध्यक्ष श्री संतोष कुमार यादव ने इस रणनीति को “वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने और निजी क्षेत्र के लिए अवसर खोलने वाला कदम” बताया। वहीं, सदस्य वित्त श्री एन.आर.वी.वी.एम.के. राजेंद्र कुमार ने इसे “निवेशकों में विश्वास पैदा करने वाली पारदर्शी रूपरेखा” करार दिया।
रेटिंग एजेंसी क्रिसिल के अनुसार, यदि NHAI को पहले की तरह प्रति वर्ष 6,000 किलोमीटर राजमार्गों के निर्माण का लक्ष्य प्राप्त करना है, तो परिसंपत्ति मुद्रीकरण को और अधिक गति देना आवश्यक होगा। एजेंसी ने बताया कि चालू और अगले वित्त वर्ष में फंडिंग में मुद्रीकरण की हिस्सेदारी 18% तक पहुंच सकती है, जो पिछले दो वर्षों में 14% थी।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • NHAI ने पहली बार ‘सड़क क्षेत्र के लिए परिसंपत्ति मुद्रीकरण रणनीति’ 2025-30 अवधि के लिए जारी की है।
  • ToT, InvITs और सिक्योरिटाइजेशन के माध्यम से ₹1.4 लाख करोड़ से अधिक की पूंजी जुटाई गई है।
  • NHAI की रणनीति राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन और केंद्र सरकार की परिसंपत्ति मुद्रीकरण योजना से मेल खाती है।
  • देश में ₹3.5 से ₹4 लाख करोड़ की परिसंपत्तियाँ मुद्रीकरण योग्य मानी जा रही हैं (क्रिसिल रिपोर्ट)।

यह रणनीति न केवल भारत के अवसंरचना विकास को नया रास्ता दिखाती है, बल्कि निजी निवेश को प्रोत्साहित कर सड़क नेटवर्क की गुणवत्ता और स्थायित्व को भी बेहतर बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है।

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