यूपी के ललितपुर में बन रहा बॉल्क ड्रग फार्मा पार्क: आत्मनिर्भर भारत की ओर एक ठोस कदम

उत्तर प्रदेश सरकार ने ललितपुर जिले में एक विशाल और आधुनिक बॉल्क ड्रग फार्मा पार्क की स्थापना का ऐलान किया है, जिसका उद्देश्य भारत को चीन पर निर्भरता से मुक्त करना और फार्मा सेक्टर में आत्मनिर्भर बनाना है। इस परियोजना को बढ़ावा देने के लिए यूपी सरकार का एक प्रतिनिधिमंडल अहमदाबाद पहुंचा, जहां उन्होंने गुजरात की फार्मा कंपनियों से भागीदारी का आह्वान किया।

फार्मा पार्क की प्रमुख विशेषताएं

फार्मा पार्क की पहली चरण में 352 एकड़ भूमि पर काम शुरू हो चुका है, जबकि भविष्य में इसे 5,000 एकड़ तक विस्तारित किया जा सकता है। इस पार्क के लिए आवश्यक पर्यावरणीय मंजूरी पहले ही मिल चुकी है और मास्टरप्लान को भी स्वीकृति मिल चुकी है। इस परियोजना के तहत 67% क्षेत्र उद्योगों के लिए, 13% हरित क्षेत्र के लिए और शेष बुनियादी सुविधाओं के लिए आरक्षित रखा गया है।

भूमि और निवेश प्रोत्साहन

भूमि 90 वर्ष की लीज़ पर ₹75-77 लाख प्रति एकड़ की दर से उपलब्ध कराई जा रही है। जो कंपनियां 35-50 एकड़ की एंकर यूनिट्स स्थापित करेंगी उन्हें अतिरिक्त 10% की छूट मिलेगी। वन-टाइम पेमेंट करने वालों को अतिरिक्त 2% की छूट भी दी जाएगी। साथ ही, यूपी फार्मा और मेडिकल डिवाइसेस नीति 2023 के तहत पूंजी व ब्याज पर सब्सिडी, स्टांप ड्यूटी माफी, पेटेंट व क्लिनिकल ट्रायल सहायता, 10 वर्ष तक बिजली शुल्क माफी और गुणवत्ता प्रमाणन पर सब्सिडी जैसी अनेक प्रोत्साहन योजनाएं लागू की गई हैं।

प्रमुख कंपनियों की भागीदारी

भारत बायोटेक और डॉ. रेड्डी लैब्स जैसी अग्रणी कंपनियों को पहले ही भूमि आवंटित की जा चुकी है और उन्होंने अपनी इकाइयों की स्थापना शुरू कर दी है। अब तक 26 कंपनियों ने रुचि दिखाई है, जिनमें NATCO फार्मा, Vins बायोप्रोडक्ट्स और रॉकवेल इंडस्ट्रीज़ प्रमुख हैं।

कनेक्टिविटी और इन्फ्रास्ट्रक्चर

ललितपुर का चयन इसलिए भी किया गया क्योंकि यह भारत के भौगोलिक केंद्र के समीप है, जहां से पूर्वी और पश्चिमी समर्पित रेल फ्रेट कॉरिडोर गुजरते हैं। राज्य में 14 हवाई अड्डे हैं, जिनमें 6 अंतरराष्ट्रीय हैं, और पार्क में एक समर्पित हेलीपैड भी प्रस्तावित है। पार्क में लैब टेस्टिंग, आरएंडडी इन्क्यूबेशन सेंटर, क्लाइमेट-कंट्रोल वेयरहाउस और तकनीकी सहायता सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • भारत में लगभग 60% सक्रिय फार्मास्यूटिकल संघटक (API) चीन से आयात किए जाते हैं।
  • यूपी का यह पहला पूर्णतः राज्य-निधि आधारित फार्मा पार्क है, जिसमें केंद्र सरकार से कोई निधि नहीं ली गई है।
  • फार्मा पार्क की स्थापना यूपी फार्मा व मेडिकल डिवाइसेस नीति 2023 के अंतर्गत की जा रही है।
  • UPSIDA ने फार्मा क्षेत्र में क्षमता निर्माण के लिए ‘Promote Pharma’ नाम से एक सेक्शन 8 कंपनी की शुरुआत की है।

यूपी का यह बॉल्क ड्रग फार्मा पार्क न केवल स्थानीय उद्योग को मजबूती देगा बल्कि भारत की फार्मास्यूटिकल आत्मनिर्भरता में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित होगा। यह परियोजना आने वाले वर्षों में रोजगार, अनुसंधान और वैश्विक निवेश के नए द्वार खोलेगी।

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