मंगोलिया में भारतीय सेना की भागीदारी: ‘खान क्वेस्ट 2025’ में शांति मिशन अभ्यास

भारतीय सेना का एक दल 11 जून 2025 को मंगोलिया के उलानबाटर पहुंचा, जहां वह 14 से 28 जून तक आयोजित होने वाले ‘खान क्वेस्ट 2025’ बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास में भाग लेगा। यह वार्षिक अभ्यास विश्व भर की सेनाओं को एक मंच पर लाकर संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों के लिए उनकी तैयारी और आपसी समन्वय को बेहतर बनाने का अवसर प्रदान करता है।

अभ्यास की पृष्ठभूमि और उद्देश्य

‘खान क्वेस्ट’ की शुरुआत वर्ष 2003 में संयुक्त राज्य अमेरिका और मंगोलियाई सशस्त्र बलों के बीच द्विपक्षीय अभ्यास के रूप में हुई थी। वर्ष 2006 से यह अभ्यास बहुराष्ट्रीय रूप ले चुका है। इस वर्ष इसका 22वां संस्करण आयोजित हो रहा है। इस अभ्यास का उद्देश्य है संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अध्याय VII के तहत शांति स्थापना अभियानों के लिए सैनिकों की तैयारियों को सुदृढ़ करना।

भारतीय दल की संरचना और सहभागिता

भारतीय सेना की ओर से 40 सैनिकों का दल इस अभ्यास में भाग ले रहा है, जिसमें मुख्य रूप से कुमाऊं रेजिमेंट की एक बटालियन के जवान शामिल हैं। इसके अलावा, अन्य विभागों और सेवाओं से भी सैनिक शामिल किए गए हैं। विशेष रूप से, एक महिला अधिकारी और दो महिला सैनिक भी इस दल का हिस्सा हैं, जो भारतीय सेना की लैंगिक समावेशिता का उदाहरण प्रस्तुत करते हैं।

अभ्यास की प्रमुख गतिविधियां

‘खान क्वेस्ट 2025’ में भाग लेने वाली सेनाओं द्वारा निम्नलिखित रणनीतिक गतिविधियों का अभ्यास किया जाएगा:

  • स्थिर और मोबाइल चेक-पॉइंट की स्थापना
  • घेराबंदी और तलाशी अभियान (Cordon and Search Operations)
  • शत्रुतापूर्ण क्षेत्रों से नागरिकों का सुरक्षित निकासी
  • गश्त और निगरानी
  • विस्फोटक उपकरणों के निराकरण (Counter-IED drills)
  • युद्ध चिकित्सा सहायता और घायल सैनिकों की निकासी

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • ‘खान क्वेस्ट’ अभ्यास का आयोजन मंगोलिया में होता है और इसका पहला संस्करण 2003 में आयोजित हुआ था।
  • अभ्यास का उद्देश्य बहुराष्ट्रीय शांति मिशनों में समन्वय और सामंजस्य को बढ़ाना है।
  • 2025 संस्करण में भारतीय दल में एक महिला अधिकारी और दो महिला सैनिक भी शामिल हैं।
  • पिछला अभ्यास संस्करण 27 जुलाई से 9 अगस्त 2024 के बीच आयोजित हुआ था।

‘खान क्वेस्ट 2025’ जैसे अभ्यास भारतीय सेना को वैश्विक सैन्य मानकों के अनुरूप तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। न केवल इससे सामरिक कौशल में वृद्धि होती है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय सहयोग, मित्रता और विश्वास को भी सुदृढ़ करता है, जो वैश्विक शांति प्रयासों में अनिवार्य तत्व हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *