पशुओं में एंटीबायोटिक उपयोग की निगरानी के लिए केंद्रीय कदम: एएमआर से निपटने की योजना

भारत में बढ़ती एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस (AMR) की चुनौती से निपटने के लिए केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने पशु चिकित्सा क्षेत्र में एंटीबायोटिक उपयोग पर निगरानी के लिए रिपोर्टिंग ढांचे के विकास का आह्वान किया है। यह पहल 2050 तक देश में अनुमानित 2 मिलियन मौतों को टालने में सहायक हो सकती है, जो एएमआर के कारण हो सकती हैं।

एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस (AMR): एक गंभीर खतरा

AMR वह स्थिति है जब बैक्टीरिया, वायरस, फफूंद और परजीवी मनुष्यों और पशुओं में संक्रमण के इलाज के लिए प्रयुक्त एंटीमाइक्रोबियल दवाओं के प्रति प्रतिक्रिया देना बंद कर देते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, 2050 तक वैश्विक स्तर पर 10 मिलियन मौतें एएमआर के कारण हो सकती हैं, जिनमें से 2 मिलियन भारत में होने की आशंका है।

रिपोर्टिंग ढांचे की संरचना

  • CDSCO, राज्य औषधि नियंत्रण प्राधिकरणों और पशुपालन एवं डेयरी विभाग के प्रतिनिधियों की संयुक्त कार्य समूह गठित की जाएगी।
  • यह समूह पशु चिकित्सा क्षेत्र में एंटीबायोटिक के निर्माण, बिक्री और आयात का डेटा व्यवस्थित रूप से एकत्र करने पर कार्य करेगा।
  • राज्य औषधि नियंत्रकों से उनके क्षेत्र में कार्यरत फार्मा कंपनियों की सूची भी मांगी गई है।

सरकार की पिछली पहलें

  • अक्टूबर 2023 में केंद्र ने मवेशियों और मुर्गियों के लिए मानक पशु चिकित्सा उपचार दिशा-निर्देश जारी किए, जो प्रयोगशाला पुष्टि से पहले केवल लक्षण आधारित उपचार की सिफारिश करते हैं, ताकि एंटीबायोटिक का कम से कम उपयोग हो।
  • मई 2025 में CDSCO ने अनुपयोगी या समाप्त दवाओं के सुरक्षित निपटान पर मसौदा दिशानिर्देश जारी किए, जिससे AMR और सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिमों को रोका जा सके।

एंटीबायोटिक उपयोग और जोखिम

  • 2015 के एक अध्ययन के अनुसार, वैश्विक एंटीबायोटिक बिक्री का लगभग दो-तिहाई हिस्सा पशु कृषि में उपयोग होता है।
  • 2030 तक यह खपत 67% तक बढ़ सकती है, विशेषकर निम्न और मध्यम आय वाले देशों में मांस, अंडा और डेयरी उत्पादों की मांग बढ़ने से।
  • लैंसेट प्लेनेटरी हेल्थ में प्रकाशित एक रिपोर्ट बताती है कि मानव और पशुओं दोनों में एंटीबायोटिक खपत और AMR दरों के बीच द्विदिश संबंध हैं।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • भारत में एंटीबायोटिक्स Schedule H के अंतर्गत आते हैं, जिन्हें केवल पंजीकृत चिकित्सक की पर्ची पर ही बेचा जा सकता है।
  • CDSCO की स्थापना 1961 में ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के तहत हुई थी।
  • AMR के कारण 2019 में वैश्विक स्तर पर 1.27 मिलियन मौतें सीधे और 4.95 मिलियन मौतें परोक्ष रूप से हुई थीं।
  • WHO के अनुसार, मनुष्यों, पशुओं और पौधों में एंटीबायोटिक्स का अत्यधिक और गलत उपयोग AMR के प्रसार को तेज करता है।

CDSCO की यह पहल पशु चिकित्सा क्षेत्र में एंटीबायोटिक उपयोग को पारदर्शी बनाने और एएमआर जैसी वैश्विक स्वास्थ्य चुनौती से निपटने में एक निर्णायक कदम है। इसके सफल क्रियान्वयन से न केवल मानव स्वास्थ्य को लाभ होगा, बल्कि खाद्य सुरक्षा और पर्यावरणीय संतुलन भी सुनिश्चित किया जा सकेगा।

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