करीमा बलोच कौन हैं?

करीमा बलोच कौन हैं?

पाकिस्तानी मूल की करीमा बलोच की हाल ही में मृत्यु हो गयी है, वे कुछ दिनों से लापता थीं। उनकी मृत्यु कनाडा के टोरंटो में हुई है। करीमा बलोच एक मानवाधिकार कार्यकर्ता थीं, वे अक्सर बलोचिस्तान में पाकिस्तानी सेना की बर्बरता का विरोध करती रहती थीं। उन्होंने बलोचिस्तान में मानवाधिकार हनन के विरुद्ध लगातार अपनी आवाज़ उठाई है। वे पाकिस्तानी सरकार के आलोचक मानी जाती थीं।

मुख्य बिंदु

करीमा बलोच बलोचिस्तान की एक प्रसिद्ध हस्ती थीं। करीमा बलोच को बलोचिस्तान की महिला एक्टिविज्म का अग्रणी माना जाता है। उन्होंने स्विट्जरलैंड में संयुक्त राष्ट्र के सत्र में बलोचिस्तान का मुद्दा उठाया था। उन्हें 2016 में दुनिया की 100 सबसे “प्रेरणादायक और प्रभावशाली” महिलाओं में से एक के रूप में नामित किया गया था।

मई 2019 में एक साक्षात्कार में, उन्होंने पाकिस्तान पर संसाधनों को छीनने और बलोचिस्तान के लोगों का नरसंहार करने का आरोप लगाया था। बलोचिस्तान का -सामरिक महत्व काफी अधिक है और यह क्षेत्र प्राकृतिक संसाधन भंडार से भरपूर है। बलोचिस्तान में पाकिस्तानी सेना पर अक्सर मानवाधिकार हनन और बर्बरता के आरोप लगते रहते हैं। बलोचिस्तान में इस कारण कई हिंसक घटनाएँ भी हुई हैं।

करीमा बलोच 37 वर्ष की थीं। वे 2017 में पाकिस्तान को छोड़कर कनाडा चली गयी थीं, जहाँ उन्होंने शरण मांगी थी। वे बलोच स्टूडेंट्स आर्गेनाइजेशन-आजाद की पूर्व चेयरपर्सन भी थीं।

Originally written on December 23, 2020 and last modified on December 23, 2020.

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