मेघालय में शुरू हुआ भारत-थाईलैंड संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘मैत्री-XIV’: क्षेत्रीय सहयोग को नई दिशा

मेघालय में शुरू हुआ भारत-थाईलैंड संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘मैत्री-XIV’: क्षेत्रीय सहयोग को नई दिशा

भारत और थाईलैंड के बीच सैन्य सहयोग को सशक्त बनाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए ‘मैत्री-XIV’ (Exercise MAITREE-XIV) नामक संयुक्त सैन्य अभ्यास की शुरुआत 1 सितंबर 2025 को मेघालय के उमरोई स्थित ज्वाइंट ट्रेनिंग नोड (JTN) में हुई। यह अभ्यास 14 सितंबर 2025 तक चलेगा और दोनों देशों की सेनाओं के बीच आपसी समझ, तालमेल और संचालन क्षमता को बढ़ाने पर केंद्रित होगा।

अभ्यास का उद्देश्य और महत्व

‘मैत्री’ अभ्यास भारत और थाईलैंड के बीच 2006 में शुरू हुई एक द्विपक्षीय सैन्य सहयोग पहल है, जिसका मुख्य उद्देश्य है:

  • आपसी सैन्य इंटरऑपरेबिलिटी को बढ़ावा देना
  • साझा आतंकवाद विरोधी रणनीतियों पर प्रशिक्षण
  • इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में स्थिरता और शांति की दिशा में योगदान

यह अभ्यास दोनों देशों की सेनाओं को संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अध्याय VII के अंतर्गत आतंकवाद विरोधी अभियानों की तैयारी में प्रशिक्षित करता है।

बलों की संरचना

  • भारतीय सेना: 120 सैनिकों की टुकड़ी, जो कि भारतीय सेना की प्रतिष्ठित मद्रास रेजिमेंट से है। यह रेजिमेंट जंगल युद्ध और काउंटर-इंसर्जेंसी अभियानों में विशेषज्ञ मानी जाती है।
  • रॉयल थाई सेना: 53 सैनिकों की टुकड़ी, 1st इन्फैंट्री बटालियन, 14th इन्फैंट्री ब्रिगेड से, जो लाइट इन्फैंट्री रणनीति और आंतरिक सुरक्षा अभियानों में दक्ष है।

प्रशिक्षण की प्रमुख गतिविधियाँ

  • अर्ध-शहरी क्षेत्रों में संयुक्त आतंकवाद विरोधी अभियान
  • विशेष हथियारों का प्रशिक्षण एवं समन्वय अभ्यास
  • संयुक्त रणनीतिक योजना और छापामार अभियानों का अभ्यास
  • फिजिकल फिटनेस और सहनशक्ति सत्र
  • 48 घंटे का वैलिडेशन अभ्यास, जिसमें वास्तविक युद्ध स्थितियों की रूपरेखा पर आधारित संयुक्त अभियानों का मूल्यांकन किया जाएगा

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • अभ्यास का नाम: मैत्री-XIV (Exercise MAITREE-XIV)
  • तिथि: 1 से 14 सितंबर 2025
  • स्थान: ज्वाइंट ट्रेनिंग नोड (JTN), उमरोई, मेघालय
  • मुख्य विषय: अर्ध-शहरी क्षेत्रों में संयुक्त आतंकवाद विरोधी अभियान (UN Chapter VII के अंतर्गत)
  • आरंभ: 2006 में, भारत-थाईलैंड द्विपक्षीय सैन्य साझेदारी के रूप में

रणनीतिक महत्व

यह अभ्यास सिर्फ सैन्य सहयोग तक सीमित नहीं है, बल्कि यह इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भारत और थाईलैंड की साझा रणनीतिक सोच को भी दर्शाता है। बढ़ते भूराजनैतिक तनाव और गैर-परंपरागत सुरक्षा चुनौतियों के बीच, ऐसा संयुक्त अभ्यास क्षेत्रीय सुरक्षा में सहयोग और सामूहिक तैयारी को दर्शाता है।
मैत्री-XIV इस बात का प्रमाण है कि भारत और थाईलैंड जैसे देश अपने रक्षा संबंधों को सिर्फ औपचारिकता तक सीमित न रखते हुए, वास्तविक और व्यावहारिक प्रशिक्षण के माध्यम से परस्पर विश्वास और सामरिक ताकत को मजबूत कर रहे हैं।

Originally written on September 4, 2025 and last modified on September 4, 2025.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *