डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में 30 लोगों को मौत की सजा सुनाई गयी

डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (Democratic Republic of Congo) ने हाल ही में दो प्रतिद्वंद्वी मुस्लिम गुटों के बीच संघर्ष के बाद 30 लोगों को मौत की सजा सुनाई है।

क्या हुआ?

ईद के इस्लामी अवकाश पर, जो कि रमजान महीने के अंत का प्रतीक है, किंशासा (Kinshasa) शहर में मार्टरर्स स्टेडियम के सामने दो मुस्लिम समूह आपस में भिड़ गए। यह लड़ाई स्टेडियम में ईद समारोह आयोजित करने के अधिकार को लेकर थी।

किंशासा में ईद के दौरान बड़े पैमाने पर जश्न मनाया जाता है। कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में 10% मुस्लिम आबादी है।

मौत की सज़ा

मारपीट के दौरान एक पुलिसकर्मी की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। कई अन्य घायल हो गए। प्रतिभागियों पर आपराधिक साजिश और हत्या के प्रयास का आरोप लगाया गया था। दंगाइयों का मुकदमा 14 मई, 2021 को शुरू हुआ और लगातार 15 मई, 2021 तक चला। इसके बाद करीब 30 दंगाइयों को मौत की सजा दी गई।

कांगो में वर्तमान राजनीतिक स्थिति

कांगो हाल ही में मानवीय और स्वास्थ्य संकट का सामना कर रहा है। दो पूर्वी प्रांतों में हाल ही में सशस्त्र समूहों की उपस्थिति के कारण आपातकाल की स्थिति में घोषित की गयी थी। 2021 की शुरुआत से, कांगो में सशस्त्र मिलिशिया ने कम से कम 300 लोगों को मार डाला है।

झड़प के पीछे की वजह

ऐसा माना जाता है कि कांगो में चरमपंथी समूह संघर्ष के पीछे हैं क्योंकि वे नहीं चाहते कि समूह एक साथ प्रार्थना करें। देश में सशस्त्र चरमपंथी मुख्य रूप से इसलिए हैं क्योंकि कांगो गरीब और कम आबादी वाला देश है। वर्षों के युद्धों से अस्थिरता के कारण कांगो गरीब है। इससे गरीबी और बेरोजगारी बढ़ी है। देश में बार-बार होने वाली झड़पों और झगड़ों का यही मुख्य कारण है।

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